यहोवा ने यद्यपि
आदम और ईव ही रचे थे,
पर एक रोज आँख बचाकर
आदम ने वेश्याएं गढ़ दीं,
क्रोधित यहोवा कुछ न कर सके
आदम ने रोजी के सवाल जो रख दिए
बेफिक्र आदम
मोल -भाव करता रहा.…….
वेश्याएं बेचता रहा।
यूँ तो, कस्बों की औरतों को
पता था सब कुछ,
पर ज्यादातर समय वे चुप ही रहीं,
स्वार्थी औरतें जानती थीं
कि वेश्याओं की माँघ नहीं होती,
इसलिए उनके कस्बाई घर
सलामत रहे।
एक रोज़ वेश्याओं के बाल
सिन्दूरी हो गए,
एक रोज़ उनके भारी पैर
लोगों को चुभ गए,
एक रोज़ वो जानने लगीं आदम का सच
उस रोज़ यहोवा ग्लानि से भर गए ।।
- सिद्धान्त
जुलाई 29, 2013
रात्रि 10:35