300x250 AD TOP

Followers

Blog Archive

Popular Posts

Featured slider

Saturday, 21 May 2016

Tagged under:

बासी गन्ने मे शर्करा क्षरण को कम करने हेतु परियोजना के कार्यों का संयुक्त सारांश

चीनी उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारकों में गन्ना  काटने से लेकर पेराई के बीच होने वाले अंतर का चीनी परता के ह्रास में मुख्य भूमिका है। इस ह्रास से किसान एवं चीनी उद्योग दोनों को राजस्व का घाटा होता है। ऐसे ह्रासो को कम करने की दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, लखनऊ द्वारा एक वित्त पोषित परियोजना गन्ना शोध संस्थान, शाहजहाँपुर में वर्ष 2006 से 2008 के मध्य चलाई गई। 
परियोजना के प्रथम वर्ष (2006-2007) में ऐसी प्रजातियों का चयन किया गया था जिनमे शर्करा विघटन को रोकने की अपेक्षाकृत अधिक शक्ति होती है। सामान्य तौर पर गन्ने की बुवाई शरद (अक्टूबर - नवम्बर), बसन्त (फरवरी - मार्च) एवं देर बसन्त (अप्रैल- मई ) में की जाती है। इस अध्ययन में गन्ने के वजन का अपेक्षाकृत ज्यादा ह्रास शरदकालीन गन्ने में पाया गया। शर्करा ह्रास बसंतकालीन गन्ने में अपेक्षाकृत कम मिला। शरदकालीन प्रयोग मे 10 होनहार गन्ना प्रजातियों (को0 शा0 767,को0 शा0 8432, को0 शा0 97261, को0 शा0 97264, को0 शा0 95255, को0 शा0 8436, को0 शा0 96268, को0 से0 92423 एवं को0 शा0 98231) का मार्च, अप्रैल एवं मई के महीनों मे गन्ना काटने के उपरांत 24, 48, 72, 96 एवं 120 घंटे तक वजन एवं शर्करा के आंकड़े लिए गए। परिणाम बताते हैं कि जैसे-जैसे मार्च से मई के मध्य वातावरण का तापक्रम तथा स्टेलिंग की अवधि बढ़ती गई वैसे-वैसे गन्ने के वजन में कमी परिलक्षित होती गई। यह मार्च, अप्रैल एवं मई के महीनों मे क्रमश: 7.00 से 11.25 प्रतिशत, 10.70 से 13.25 प्रतिशत तथा 13.00 से 18.75 प्रतिशत आंकी गई। 24 से 120 घंटे की कुल अवधि मे औसतन यह कमी 4.58 से 19.58 प्रतिशत तक मिली। इस आधार पर को0 से0 92423, को0 शा0 8436, को0 शा0 8432, को0 शा0 97261 तथा को0 शा0 767 प्रजातियाँ वजन में कम ह्रास प्रदर्शन के कारण सर्वश्रेष्ठ पायी गई। गन्ना भार की तरह शर्करा की मात्र भी तापक्रम तथा स्टेलिंग की अवधि बढ़ने पर कम होती गईं जो मार्च, अप्रैल तथा मई में क्रमश: 0.46 से 0.53 प्रतिशत, 0.59 से 0.90 प्रतिशत तथा 0.85 से 1.02 प्रतिशत पाई गई। 24 से 120 घंटे की कुल अवधि मे औसतन यह कमी 0.07 से 1.76 प्रतिशत तक देखी गई। इस कार्य मे आशातीत सफलता प्राप्त हुई तथा विभिन्न प्रजातियों (को0से0 92423, को0 शा0 8436, को0 शा0 95255 तथा को0 शा0 96268) का चयन किया गया जो गन्ना भार तथा देर तक शर्करा विघटन रोकने मे सक्षम रही। 
परियोजना के द्वितीय वर्ष (2007-2008) में मुख्य रूप से वैज्ञानिक यांत्रिक एवं रसायनिक विधियों का आंकलन करना था जिसके द्वारा गन्ना काटने के बाद भार एवं चीनी परता ह्रास को कम करने में सहायक पाया जा। इस कार्य के प्रथम चरण में कटे हुए गन्ने को निम्नलिखित विधियों  के अंतर्गत  रखा गया। तदुपरान्त 0 से 120 घंटों तक गन्ना भर एवं चीनी परता का आंकलन किया गया। 
  • गन्ने को छाया में रखना। 
  • गन्ने को खुले स्थान पर रखकर गन्ने की पत्तियों से ढकना (0.5 कुं0 गन्ने की पत्तियाँ एक टन गन्ने के लिए पर्याप्त हैं)। 
  •  गन्ने पर पानी का छिङकाव करना (250 ली0 पानी एक टन गन्ने के लिए पर्याप्त)। 
  • गन्ने को खुले स्थान पर रखकर गन्ने की पत्तियों से ढकना तथा पानी का छिडकाव करना (उपरोक्त अनुसार )। 
 इन विधियों  को अपनाकर कटे हुए गन्ने में होने वाले भार एवं चीनी परते के ह्रास को कम किया जा सकता है। 
द्वितीय वर्ष (2007-2008) के प्रयोग में यह पाया गया कि सभी उपरोक्त विधियाँ नियंत्रण (खुले स्थान पर गन्ने को रखना) के तुलना मे सार्थक रूप से अच्छी पाई गईं। यद्यपि गन्ने को खुले स्थान पर रखकर गन्ने की पत्तियों से ढकना तथा पानी का छिडकाव करना अपेक्षाकृत अच्छा पाया गया लेकिन किसान उपरिलिखित कोई भी विधि अपनाकर गन्ना भार एवं चीनी परता में होने वाले ह्रास को कम कर सकता है। फिर भी, यदि सामान्य रूप से कटे गन्ने के ढेर को गन्ने की सूखी पत्तियों से जो कि आसानी से उपलब्ध हो जाती है, ढ़क दिया जाए तो यह विधि अपेक्षाकृत आसान होती है। 
रासायनिक विधि में विभिन्न रसायनों (मरक्यूरिक क्लोराइड, ज़िंक सल्फेट, अमोनियम बाइफ्लोराइड, सैलीसिलिक एसिड, सोडियम एजाइड) के 1 प्रतिशत घोल का  कटे हुए गन्ने पर छिडकाव करके गन्ना भार एवं चीनी परता ह्रास को कम करने का प्रयास किया गया। इस दिशा मे भी सफलता प्राप्त हुई। सभी रसायनो ने चीनी परता ह्रास के संबंध मे नियंत्रण (किसी भी रसायन का छिडकाव नहीं) की तुलना में अच्छे परिणाम दिये। ये परिणाम नियंत्रण की तुलना मे सांख्यिकीय दृष्टि से सार्थक पाये गए। उपरोक्त रसायनों मे सोडियम एजाइड एवं अमोनियम बाइफ्लोराइड ने अपेक्षाकृत  अच्छा परिणाम दर्शाया। 
इस प्रकार यदि चीनी मिल गेट पर अत्यधिक गन्ना एकत्रित हो जाए अथवा किसी कारण से  चीनी मे शटडाउन की स्थिति उत्पन्न हो जाए जिससे गन्ना पेराई मे विलंब की संभावना हो तो उपरोक्त रसायनों का छिडकाव कर चीनी मिल चीनी परता में होने वाले ह्रास को कम कर सकती हैं। 
इसी क्रम में द्वितीय वर्ष में इस बात का भी अध्ययन किया गया कि यदि गन्ने के साथ पताई भी पेराई में जा रही हो तो चीनी परता पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इस प्रयोग द्वारा यह सिद्ध हो गया कि  पेराई मे गन्ने के अलावा कोई भी अन्य चीज के जाने से रस की प्रतिशतता एवं चीनी परता कुप्रभावित होती है।

0 comments:

Post a Comment