वैश्यायें
शहर नहीं जातीं,
उल्टे शहर
वैश्याओं के पास
आया करते हैं।
चूंकि,
शहरों को गुमान है.......
तो स्खलन होने तक
निचोड़ी जाती है
वैश्यायें।
सुबह तड़के ही
शहर लौट जाते हैं
अपनी ठौर....
साफ, स्वच्छ शहर,
वैश्याओं को
नतिकता पढ़ाते हैं ,
कालिख मे सनी वैश्यायें,
न मरती हैं,
न जी ही पाती हैं ॥
सिद्धान्त
सितम्बर 26, 2019
रात्रि 10:00बजे
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