300x250 AD TOP

Followers

Blog Archive

Popular Posts

Featured slider

Friday 21 June 2013

Tagged under:

अनबन






एक रोज़
जो तुमने कहा था
कि फबते नहीं
रंग तुम पर,
बस उसी रोज से
रंगों से मेरी
अनबन है। 
अब एक मैं हूँ
तुम हो और
स्याह सब कुछ,
रात
मेरी कविताओं के
जंगल से  
डरावनी आवाज़े 
आती हैं॥

                         - सिद्धांत 
                       जून 20, 2013  

0 comments:

Post a Comment