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Saturday, 4 February 2012

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व्यूह रचना








व्यूह रचना
कर रहा
वह कौन? 
आज फिर
होनी है, 
महाभारत धरा पर।
कौरवोँ और पाण्डवोँ
के पाट मेँ,
पिस रही
जनता बराबर। 
आज शायद हो,
महाभारत धरा पर।
गर्भ मेँ अभिमन्यु, 
व्यूह कौन तोड़े? 
बिक रहे हैँ कृष्ण, 
गीता कौन बोले? 
धर्म का आसन बिछाये, 
सत्य चुप है । 
बोलबाला झूठ का,
अब हर तरफ है।
कौन छेड़े युद्द? 
यह प्रश्न आकुल। 
उत्तरोँ का दोष क्या, 
जब प्रश्न है चुप।।
                                   - सिद्धांत 

1 comments:

  1. kya baat hai!!


    "bikk rahein hai krishn, geeta kaun bole??"

    "uttaron ka dosh kya, jab prashn hai chupp"!!

    great thoughts..

    ReplyDelete