रात,
क्यों नहीं होती उसमे,
आकाश की नीलिमा,
पौधों की हरीतिमा,
सूरज की लालिमा
और
सतरंगी इन्द्रधनुष I
रात,
क्यों गुमसुम होती है?
क्यों नही होती उसमे,
भंवरो की गुंजन,
बच्चों की किलकारियां,
गाय का रम्भाना
और
खेतों में गाते किसान के गीत I I
रात,
क्यों निर्जीव सी है?
क्यों नहीं होती उसमे,
तितली सी हलचल,
चिडियों की फडफड,
और कुलांचे भरते हिरन I
रात,
रात ऐसी क्यों होती है ?
रात ऐसी क्यों होती है ?
-सिद्धांत
बहुत ही बढ़िया पंक्तिया है.....
ReplyDeleteधन्यवाद पंकज
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