दोगला इंसान,
जैसे अमरबेल,
अमरबेल,
लिपट,
स्नेह तो दर्शाती है,
पौधों से,
पर खींच लेती है,
अपने चूश्कांगो द्वारा,
जीवन का रस
अमरबेल,
पौधे को,
बढने नहीं देती,
फूलने नहीं देती,
फलने नहीं देती,
और छीन लेती है,
उससे,
उसका सब कुछ.
-सिद्धांत
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