हारा हुआ,
थका सा,
कुछ ऐसा,
आज का मानव I
शांति को तरसता,
अंतर्द्वंद में झूलता,
किस्मत पर रोता,
किस्मत पर रोता,
कुछ
ऐसा,
आज का मानव,
मशीनी मानव
I I
भावहीन,
दयाहीन,
पत्थरदिल,
बेजान,
व्यस्तता में डूबा,
भौतिकता में फंसा,
आत्मिक सुख से दूर,
कुछ ऐसा,
आज का मानव,
मशीनी मानव I I
-सिद्धांत
ultimate writer i have ever seen in ma life. avery awesome poem.........!
ReplyDeletethanks